tag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post7438102662226248817..comments2023-07-09T13:16:31.311+05:30Comments on विशाल__दिल की कलम से: मात खालो तुमविशालhttp://www.blogger.com/profile/06351646493594437643noreply@blogger.comBlogger30125tag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-92185966972339208772011-07-03T12:13:51.039+05:302011-07-03T12:13:51.039+05:30"मर्जी है तुम्हारी पर्दे में ही रहो,
बस दिल स..."मर्जी है तुम्हारी पर्दे में ही रहो,<br />बस दिल से दिल मिलालो तुम,"<br /><br />"इस दफा भी तुम ही जीत जाओगे,<br />दिल रखने को मात खालो तुम."<br /> <br />सारे शेर ही एक से बढ़ कर एक हैं....<br />बस.....<br />लाजवाब....!***Punam***https://www.blogger.com/profile/01924785129940767667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-16733147570618809032011-07-02T20:48:12.881+05:302011-07-02T20:48:12.881+05:30वाह! क्या बात है,हर पंक्ति इतनी गहरी जैसे सागर!
स...वाह! क्या बात है,हर पंक्ति इतनी गहरी जैसे सागर!<br /><br />सुंदर रचना:)नश्तरे एहसास .........https://www.blogger.com/profile/12413478447349797313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-75059083185374700362011-06-29T11:35:11.813+05:302011-06-29T11:35:11.813+05:30बहुत खूब .....सुभानाल्लाह,सुभानाल्लाहबहुत खूब .....सुभानाल्लाह,सुभानाल्लाहAmrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-25900839571982198502011-06-28T11:15:51.561+05:302011-06-28T11:15:51.561+05:30"बिस्तर पर बिखरे रहने दो लम्हे
यूं सिलवटें न ..."बिस्तर पर बिखरे रहने दो लम्हे<br />यूं सिलवटें न निकालो तुम" - ये पंक्तियाँ ख़ासतौर से ख़ूबसूरत हैं..pragyahttps://www.blogger.com/profile/04688591710560146525noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-26989263320572184402011-06-26T18:52:15.301+05:302011-06-26T18:52:15.301+05:30wah......bahut badhiyawah......bahut badhiyaAnamikaghatakhttps://www.blogger.com/profile/00539086587587341568noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-89022093811877108162011-06-26T13:59:00.386+05:302011-06-26T13:59:00.386+05:30वाह ... उस्नो-जमाल के चर्चे हैं इस लाजवाब गज़ल में...वाह ... उस्नो-जमाल के चर्चे हैं इस लाजवाब गज़ल में ... बहुत खूब ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-26513198647284516642011-06-26T13:58:48.025+05:302011-06-26T13:58:48.025+05:30ताबे हुस्न से जल जाएगा परवाना,
ये दुप्पटा ज़रा स...ताबे हुस्न से जल जाएगा परवाना, <br />ये दुप्पटा ज़रा संभालो तुम,<br />Love these lines... Vishal Bhai once again you came up with a beautiful poem... Keep it up Brother!Sunny Dhanoehttps://www.blogger.com/profile/12666075098748526134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-72535096106925537812011-06-26T08:36:27.213+05:302011-06-26T08:36:27.213+05:30ताबे हुस्न से जल जाएगा परवाना,
ये दुप्पटा ज़रा स...ताबे हुस्न से जल जाएगा परवाना, <br />ये दुप्पटा ज़रा संभालो तुम,<br /><br />मर्जी है तुम्हारी पर्दे में ही रहो,<br />बस दिल से दिल मिलालो तुम,<br /><br />आज तो बदले से अंदाज नज़र आते है.आगे की हकीकत अगली पोस्ट में बताइएगा. बहुत सुंदर पेशकश.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-81059775455907636162011-06-25T18:29:18.950+05:302011-06-25T18:29:18.950+05:30बिस्तर पर बिखरे रहने दो लम्हे,
यूं सिलवटें न निकाल...बिस्तर पर बिखरे रहने दो लम्हे,<br />यूं सिलवटें न निकालो तुम,<br /><br /><br />waha bahut khubAnju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-8563459623230228692011-06-25T17:19:37.409+05:302011-06-25T17:19:37.409+05:30बहुत खुबसूरत, प्यारी ग़ज़ल विशाल भाई...
सादर...बहुत खुबसूरत, प्यारी ग़ज़ल विशाल भाई...<br />सादर...S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-64138916372596036102011-06-25T15:53:32.510+05:302011-06-25T15:53:32.510+05:30" ए लो मैं हारी पिया , हुई तेरी जीत रे..." ए लो मैं हारी पिया , हुई तेरी जीत रे <br />काहे का झगडा बालम , नई नई प्रीत रे "<br />अब तो खुश !aarkayhttps://www.blogger.com/profile/04245016911166409040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-57016644883939199282011-06-25T15:08:33.054+05:302011-06-25T15:08:33.054+05:30बहुत सुन्दर रचना।
आपकी पुरानी नयी यादें यहाँ भी ह...बहुत सुन्दर रचना।<br /> आपकी पुरानी नयी यादें यहाँ भी हैं .......कल ज़रा गौर फरमाइए<br />नयी-पुरानी हलचल<br />http://nayi-purani-halchal.blogspot.com/vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-60382502209911848772011-06-25T15:04:10.194+05:302011-06-25T15:04:10.194+05:30मर्जी है तुम्हारी पर्दे में ही रहो,
बस दिल से दिल ...मर्जी है तुम्हारी पर्दे में ही रहो,<br />बस दिल से दिल मिलालो तुम,<br /><br />बहुत खूब.....शानदार शेर.....लाजवाब|Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-87610957624349836312011-06-25T13:46:47.668+05:302011-06-25T13:46:47.668+05:30हर बार परवाने ने दाव लगाया और बार जलना पड़ा है उसे...हर बार परवाने ने दाव लगाया और बार जलना पड़ा है उसे॥चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-23210479409971491702011-06-25T13:07:47.007+05:302011-06-25T13:07:47.007+05:30बिस्तर पर बिखरे रहने दो लम्हे,
यूं सिलवटें न निकाल...बिस्तर पर बिखरे रहने दो लम्हे,<br />यूं सिलवटें न निकालो तुम,<br /><br />इस दफा भी तुम ही जीत जाओगे,<br />दिल रखने को मात खालो तुम.<br /><br />बेहतरीन...वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-8141002520598265552011-06-25T12:14:09.621+05:302011-06-25T12:14:09.621+05:30इस दफा भी तुम ही जीत जाओगे,
दिल रखने को मात खालो त...इस दफा भी तुम ही जीत जाओगे,<br />दिल रखने को मात खालो तुम.<br /><br />बहुत सुन्दर समर्पण की अभिव्यक्ति करती पंक्तियाँ..<br />कभी कभी हार जाने से भी परिस्थितियां अपने अनुकूल हो जाती है...<br />जब मैं तुम और तुम मैं हो चूका है इस समर्पण में तो हार जीत किसकी??आशुतोष की कलमhttps://www.blogger.com/profile/05182428076588668769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-62412774793758641752011-06-25T11:19:38.916+05:302011-06-25T11:19:38.916+05:30बिस्तर पर बिखरे रहने दो लम्हे,
यूं सिलवटें न निकाल...बिस्तर पर बिखरे रहने दो लम्हे,<br />यूं सिलवटें न निकालो तुम,<br />waahरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-3365956301152841222011-06-25T10:23:50.525+05:302011-06-25T10:23:50.525+05:30बशुत सुन्दर सार्थक अभिव्यक्ति| धन्यवाद|बशुत सुन्दर सार्थक अभिव्यक्ति| धन्यवाद|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-77781401101976133592011-06-25T09:06:24.795+05:302011-06-25T09:06:24.795+05:30इस दफा भी तुम ही जीत जावोगे
दिल रखने को मात खा लो...इस दफा भी तुम ही जीत जावोगे<br /><br />दिल रखने को मात खा लो तुम <br /><br />.....................बहुत प्यारा शेर <br /><br />प्रेमरस में सराबोर.........जानदार ग़ज़लसुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-29598363114272471202011-06-25T08:18:55.892+05:302011-06-25T08:18:55.892+05:30काफी दिनों से पी. सी खराब चल रहा था ..इसलिए आपके इ...काफी दिनों से पी. सी खराब चल रहा था ..इसलिए आपके इधर रुख हो न सका ? लगता है नई जगह भा गईदर्शन कौर धनोयhttps://www.blogger.com/profile/06042751859429906396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-45249107711813505312011-06-25T08:15:56.244+05:302011-06-25T08:15:56.244+05:30बिस्तर पर बिखरे रहने दो लम्हे,
यूं सिलवटें न निकाल...बिस्तर पर बिखरे रहने दो लम्हे,<br />यूं सिलवटें न निकालो तुम,<br /><br />क्या बात की है विशाल आपने !मान गई आपकी शायरी को बहुत तल्खियां है इस मिजाज मै !दर्शन कौर धनोयhttps://www.blogger.com/profile/06042751859429906396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-86204960575886505122011-06-25T05:29:53.925+05:302011-06-25T05:29:53.925+05:30bahut umda....bahut umda....poonamhttps://www.blogger.com/profile/04677328032743055038noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-79507252718559422392011-06-25T04:58:12.144+05:302011-06-25T04:58:12.144+05:30वाह, क्या बात है! संजय द्वारा उद्धृत फ़ैज़ साहब ने...वाह, क्या बात है! संजय द्वारा उद्धृत फ़ैज़ साहब ने कभी प्यार किया होता तो पंक्ति को यूँ कहते,<br />"गर जीत गए तो क्या कहना हारे भी तो बाज़ी हाथ नहीं"Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-75962386402335145162011-06-25T00:04:18.373+05:302011-06-25T00:04:18.373+05:30इन बाजियों में जो हारता है, वही जीतता है।
यूँ भी फ...इन बाजियों में जो हारता है, वही जीतता है।<br />यूँ भी फ़ैज़ साहब ने कहा था, <br />"गर बाज़ी इश्क़ की बाज़ी है जो चाहो लगा दो डर कैसा<br />गर जीत गए तो क्या कहना हारे भी तो बाज़ी मात नहीं.<br /><br />विशाल भाई, जीत की बधाई कबूल करो।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4716109960457054206.post-20030250519056346602011-06-24T23:26:39.285+05:302011-06-24T23:26:39.285+05:30बिस्तर पर बिखरे रहने दो लम्हे,
यूं सिलवटें न निकाल...बिस्तर पर बिखरे रहने दो लम्हे,<br />यूं सिलवटें न निकालो तुम,<br /><br />इस दफा भी तुम ही जीत जाओगे,<br />दिल रखने को मात खालो तुम.BAHUT SUNDER SHABDON MAIN LIKHI SUNDER RACHANAA.BADHAAI AAPKO.prerna argalhttps://www.blogger.com/profile/11905363361845183539noreply@blogger.com