सभी चोर
कल रात मैंने
अपने मोहल्ले के कुत्तों को
डिनर पर बुलाया
फिर बुलाने का
मकसद समझाया
मैंने पूछा
क्यों भाई कुत्तो
आज कल चोरों पर भौंकना छोड़
खामोश क्यों हो गए हो
एक बूढा कुत्ता हाथ जोड़ कर कहने लगा
क्या करें निर्दोष भाई
हम भी तो भौंक भौंक कर बोर हो गए हैं
तुम ही बताओ किस किस पर भौंके
यहाँ पर सभी चोर हो गए हैं.
कल रात मैंने
अपने मोहल्ले के कुत्तों को
डिनर पर बुलाया
फिर बुलाने का
मकसद समझाया
मैंने पूछा
क्यों भाई कुत्तो
आज कल चोरों पर भौंकना छोड़
खामोश क्यों हो गए हो
एक बूढा कुत्ता हाथ जोड़ कर कहने लगा
क्या करें निर्दोष भाई
हम भी तो भौंक भौंक कर बोर हो गए हैं
तुम ही बताओ किस किस पर भौंके
यहाँ पर सभी चोर हो गए हैं.
रिमांड
आ रही थी थाने से
एक कुत्ते के चिल्लाने की आवाज़
मैं रुका,ठहरा,पूछा,
पता चला
पुलिस ने एक कुत्ते का
रिमांड लिया था
क्योंकि कुत्ते ने इमानदारी से
अपना फ़र्ज़ पूरा किया था
हुई थी चोरी शहर की
एक बड़ी दूकान पर
पुलिस ले गयी थी उसे
चोरी का सुराग लगाने
उस दूकान पर
कुता सूंघता सूंघता
थाने में ही घुसा जा रहा था
सिपाही के दूसरी और घसीटने पर भी
बड़े मुंशी जी को चाट रहा था
हा...हा....हा.....हास्य के साथ व्यंग्य की करारी चोट......शानदार |
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लेकिन ध्यान रखना ब्लॉग की दुनिया मे पुलिश वाले भी है ! जो शायद इमानदार हो !
जवाब देंहटाएंएक बूढा कुत्ता हाथ जोड़ कर कहने लगा
जवाब देंहटाएंक्या करें निर्दोष भाई
हम भी तो भौंक भौंक कर बोर हो गए हैं
तुम ही बताओ किस किस पर भौंके
यहाँ पर सभी चोर हो गए हैं.
bahut shaandaar hahaha
विशाल भाई
जवाब देंहटाएंकुत्तों की भी खूब कहानी प्रस्तुत की आपने.
लगता है आनंद की दुकान का 'ट्रेलर' है.
पर भाई क्या हम सब वास्तव में चोर हैं ?
haasya ke saath saath ek sateek vyang hai.bahut shaandar prastuti.
जवाब देंहटाएंबेहद शानदार और करारे व्यंग्य्।
जवाब देंहटाएंरचना बहुत संदर है..मजा आ गया..
जवाब देंहटाएंदूसरी वाली से तो सहमत हूँ मगर पहली वाली अभी पूर्ण सत्य नहीं है
बहुत ही बेहतरीन मजा आ गया
जवाब देंहटाएंविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
विशाल जी,
जवाब देंहटाएंकुत्ते की इमानदारी पर बेसाख्ता हंसी निकल आई....
करारी व्यंग्य रचनाएं हैं.....
सादर...
बहुत मज़ेदार व्यंग हैं । बधाई ।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब लिखा है दोनों को ही पढ़ कर मज़ा आया........ :):)
जवाब देंहटाएंमारे ब्लॉग को पसंद करने पर आपका आभार.हमने आपको फौलो कर लिया है!!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंबेहतरीन...
बहुत शानदार व धारदार व्यंग । वाह...
जवाब देंहटाएं@ राकेश कुमार जी
जवाब देंहटाएंये बातें हमें औरो से नही बल्कि खुद अपने आप से अपनी अतंरआत्मा से पुछनी चाहिए।
विशाल भाई अच्छी रचना पढ़वाने के लिए धन्यवाद।
बहुत मज़ेदार व्यंग हैं । बधाई !
जवाब देंहटाएंसटीक व्यंग ..करारा कटाक्ष
जवाब देंहटाएंवाह...बहुत खूब लिखा है ...
जवाब देंहटाएंव्यंग्य में सच्चाई है।
जवाब देंहटाएंआजकल कुछ ऐसे ही हालात हैं।
मज़ेदार पर सच्चाई बयां करते व्यंग्य.........
जवाब देंहटाएंहैरानी नहीं होगी अगर आदमी कहे जाने पर कुत्ते बुरा मान जाएँ.
जवाब देंहटाएंवाह! निर्दोष जी ने कुत्ता को भी हीरो बना दिया ..मतलब बोरियत को हम तक पहुंचा दिया..हंसकर दूर किया जाए ...हा!हा!हा!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ... दोनो ही लाजवाब व्यंग हैं ...
जवाब देंहटाएंदोनों ही व्यंग्य बस लाज़बाब हैं....
जवाब देंहटाएंआज का सच यही है.
badi jaldi jaldi post dal rahi hai ,sundar rachna
जवाब देंहटाएंsateek vyang...
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन
जवाब देंहटाएंBahut Khub bhai sahab... Aaj ka sach
जवाब देंहटाएं