पहाडी गाँव के
अकेले कमरे के
अँधेरे सन्नाटे में
कुछ भी तो नहीं है
पहाडी गाँव के
अकेले कमरे के
अँधेरे सन्नाटे में
मैं तो हूँ
पहाडी गाँव के
अकेले कमरे के
अँधेरे सन्नाटे में
तुम भी तो हो
पहाडी गाँव के
अकेले कमरे के
अँधेरे सन्नाटे में
मैं भी हूँ,तुम भी हो
पहाडी गाँव के
अकेले कमरे के
अँधेरे सन्नाटे में
सिर्फ तुम ही तो हो
पहाडी गाँव के
अकेले कमरे के
अँधेरे सन्नाटे में
सब कुछ तो है
अलग अन्दाज़ की सुन्दर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंएक तुम है तो सब कुछ है .... :)
जवाब देंहटाएंपहाडी गाँव के
जवाब देंहटाएंअकेले कमरे के
अँधेरे सन्नाटे में
सिर्फ तुम ही तो हो
पहाडी गाँव के
अकेले कमरे के
अँधेरे सन्नाटे में
सब कुछ तो है
hame bahut pasand aai aapki rachna
कम शब्द, शानदार अभिव्यक्ति ...
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं !
कम शब्दों की करामाती अभिव्क्ति सिर्फ आप ही कर सकते हे --
जवाब देंहटाएंपहाड़ो पे बसा एक गाँव,
सन्नाटा ! सबकुछ !
पहाड़ो पे तो जीवन हे ,सबकुछ हे वहां
यहाँ कुछ नही -सिर्फ कोलाहल हे --कुछ नही
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति......काफी गहरा दर्शन छिपा है इस पोस्ट में....बधाई
जवाब देंहटाएं"पहाडी गाँव के
जवाब देंहटाएंअकेले कमरे के
अँधेरे सन्नाटे में
सिर्फ तुम ही तो हो
पहाडी गाँव के
अकेले कमरे के
अँधेरे सन्नाटे में
सब कुछ तो है "
बहुत उम्दा लेख । कोई एक हो तो सब कुछ साथ होता है । सुन्दर रचना ।
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (3/2/2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com
शानदार अभिव्यक्ति| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंप्रेम गली अति साँकरी, जा में दो न समाएँ!!
जवाब देंहटाएंजब हम तो सब कुछ है
जवाब देंहटाएंएकदम अंदाज मे अपने दिल की बात को प्रस्तुत करना तो कोई आप से सीखे।
शुभकामनाये
sundar aur shashakt kavita ! prem ko nye tarah se abhivyakt kar rahe hain aap !
जवाब देंहटाएंadbhut kavita content rachana kaushal ke liye aapko meri hardik shubhkamnayen
जवाब देंहटाएंतुम ही तो हो .... मैं ही तो हूँ.... सभी कुछ तो है.....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति ......
बहुत अच्छी लगी ये अभिव्यक्ति ! सब कुछ कह गयी !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा !
जवाब देंहटाएं---------
मेरी बदमाशियां......
http://rimjhim2010.blogspot.com/
जो तुम हो और मैं हूँ, तो सब कुछ है....न तुम हो न मैं, तो दुनिया है...
जवाब देंहटाएंपहाडी गाँव के
जवाब देंहटाएंअकेले कमरे के
अँधेरे सन्नाटे में
सब कुछ तो है
अंततः स्वीकार कर लिया आपने ...रहस्यमयी है कविता ...आपका आभार
कुछ भी नहीं में ही सब कुछ है
जवाब देंहटाएंतुम ही तो हो , ....सब कुछ है !
जवाब देंहटाएंठीक ही है!
बहुत सुन्दर ...भावपूर्ण
जवाब देंहटाएंकुछ भी नहीं पर एसा लगता है की फिर भी सब कुछ है !
जवाब देंहटाएंभावनाओं को दर्शाती प्रस्तुति !
पहाडी गाँव के
जवाब देंहटाएंअकेले कमरे के
अँधेरे सन्नाटे में
सब कुछ तो है ....
अच्छी प्रस्तुति। हर शब्द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।
बधाई स्वीकारें !
सही बात। तुम हो तो सबकुछ है तुम नही तो कुछ भी नही।
जवाब देंहटाएंसिर्फ तुम ही तो हो
जवाब देंहटाएंसब कुछ तो है
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ....शुभकामनायें
well....different idea...nice one..
जवाब देंहटाएंpahadi gaon ke
जवाब देंहटाएंakele kamare ke
andhere sannate me....kuchh bhi nahi
tum ho
main hoon
ham dono hain
sab kuchh to hai
sundar..
पहली बार आपके व्लाग पर आया और बहुत खुबसूरत कविता पढने की मिली सार्थक पोस्ट , बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा कोई एक हो तो सब कुछ साथ होता है । सुन्दर रचना ।
जवाब देंहटाएंकुछ दिनों से बाहर होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
जवाब देंहटाएंमाफ़ी चाहता हूँ
बहुत सुन्दर और सशक्त रचना!
जवाब देंहटाएंगहन अर्थों को समेटे सुंदर प्रस्तुति. आभार.
जवाब देंहटाएंसादर,
डोरोथी.
कुछ भी नहीं है .....
जवाब देंहटाएंमैं हूँ ...
तुम भी हो ....
हम दोनों हैं ...
सिर्फ तुम हो ....
सब कुछ है ....
अँधेरे कमरे में ...
अकेले कमरेमें ....
कुछ भी नहीं है ....
सब कुछ है ....
आपने तो कन्फ्यूजिया दिया .........
आती हूँ ....फिर से ....
aapne to gagar me sagar bhar diya hai ,isse jyda kya likhun.
जवाब देंहटाएंbahut hi behtareen avamgahn abhivykti.
badhai--------
poonam
कुछ न कह कर तो सब कुछ कह दिया आपने लाजवाब प्रस्तुति. आपके ब्लॉग की ये मिश्री की डलियां (मुझे तो मिश्री ही लगती है)वैसे भी मिठास भर देती हैं मन में आपकी कविताओं में और आपके ब्लॉग में
जवाब देंहटाएंपहाडी गाँव के
जवाब देंहटाएंअकेले
कमरे के
अँधेरे सन्नाटे में
सब कुछ तो है
बस और क्या दरकार......ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति
एक क्षण को लगा की प्लेयर का की सूई फंस गयी है -मगर यह तो एक नया प्रयोग रहा !
जवाब देंहटाएंkuch nahee me hee to sab kuch chupaa hotaa hai bas dekhane vaale kee nazar caahiye|
जवाब देंहटाएंकित्ती सुन्दर कविता .. वसंत पंचमी पर ढेर सारी बधाई !!
जवाब देंहटाएं_______________________
'पाखी की दुनिया' में भी तो वसंत आया..
आपको वसंत पंचमी की ढेरों शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंसादर,
डोरोथी.
"पहाडी गाँव के
जवाब देंहटाएंअकेले कमरे के
अँधेरे सन्नाटे में
सिर्फ तुम ही तो हो
पहाडी गाँव के
अकेले कमरे के
अँधेरे सन्नाटे में
सब कुछ तो है "
ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति.वसंत पंचमी की शुभकामनाएं!
rachna achi hai par yek jagah sirf tum hi to ho aur antim sab kuch hai jara samajh nahi pai......
जवाब देंहटाएंJisne ekaant me "mai" ko paya, phir "uske" bhi
जवाब देंहटाएंdarsan kiye, to usne to sabhi kuch prapt kar liya.'poorn ida poorn idam Poornaat,poornam udachyet'. Hum to yahi samaz paaye aapki sunder aabhivyakti se. Aapka kya kehna hai?
सब कुछ और कुछ नहीं के बीच सिर्फ सोच का अंतर है, बखूबी बयां किया आपने !
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