(पंजाबी कविता)
कई मैं वैद बुलवाए
कई ओझे ने सद्वाए
बड़े ताबीज़ बनवाए
बथेरे कलमे पढवाए
दवा दारू बड़ी कीती
परहेजां नाल ज़िन्द सीती
कोई वी दर बकाया नहीं
जित्थे में सर झुकाया नहीं
उम्र मेरी लंघ गयी सारी
गयी न फिर वी बीमारी
मिलिया है सब कुझ लेकिन
बस तेरे बिरहे ने लुट्टिया
तेरी याद दा तिलिस्म
अज्ज वी नहीं टुट्टिया
**********
याद का तिलिस्म टूटे तो ज़िंदगी किस सहारे चले.......
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अभिव्यक्ति.
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.....
जवाब देंहटाएं---------
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ये ऐसा तिलिस्म है जो कभी नहीं टूटता ..
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें...
तेरी याद दा तिलिस्म
जवाब देंहटाएंअज्ज तक नहीं टुटिया..
यह तिलिस्म टूट गया तो फिर जीने का क्या मतलब रह जाएगा..बहुत सुन्दर
यार मंगया सि रब्बा मैंने..केड़ी मैं ख़ुदाई मंग लई!!
जवाब देंहटाएंभाई साहब, ये ख़लिश कहाँ से होती जो जिगर के पार होता!!
प्रियवर
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
तेरी याद दा तिलिस्म
अज्ज तक नहीं टुटिया
बहुत अंदर तक पहुंचने वाली आपकी इस कविता के लिए आभार और बधाई !
आपकी रचना साबित कर रही है कि भाव श्रेष्ठ हों तो भाषा संप्रेषण में आड़े नहीं आती ।
पूरे मन से दाद मुबारकबाद और बधाई स्वीकार करें ।
साथ ही, गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
ये ऐसा तिलिस्म है जो कभी नहीं टूटता|
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं|
यह याद का ही तिलिस्म हे जो कभी नही टूटता--
जवाब देंहटाएं"याद ऐसी आई आँखों से रोया न गया ,
जख्म ऐसे छिले फुलो पे सोया न गया |"
Fantastic.
जवाब देंहटाएंCongratulations.
वाह, यह तो बहुत सुन्दर कविता है...'पाखी की दुनिया' में भी आपका स्वागत है .
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत .....ये तिलिस्म तो हमसे है हम तिलिस्म में नहीं है......ये हमारे टूटे ही टूटेगा......वैसे आपने इसका हिंदी अनुवाद भी देना चाहिए था......बहुत से लोग इतनी सरल पंजाबी भी नहीं समझ पते हैं |
जवाब देंहटाएंतेरी याद दा तिलिस्म
जवाब देंहटाएंअज्ज तक नहीं टुटिया
kamaal ka likha hai.wah.
ਬੱਲੇ ਬੱਲੇ .....
जवाब देंहटाएंਅਸੀਂ ਮੁਹੱਬਤਾਂ ਉਡੀਕਦੇ ਰਹੇ ..
ਹਥਾਂ ਵਿਚ ਫੜ ਕੋਰੇ ਵਰਕੇ ....
ਕੋਈ ਕੋਲੋਂ ਦੀ ਵੀ ਨ ਲੰਗਿਆ
ਅਖੀਆਂ ਝੂਠੀਆਂ ਫਰਕੇ .....
आपके भाव का क्या कहना ....बहुत अच्छा प्रयास है ...तिलस्म नहीं टूटता ....
जवाब देंहटाएंਵਾਹ !! ... ਬੋਤ ਵਾਦਿਯਾ ਲਿਖਯਾ ਤੁਸ੍ਸੀ ....
जवाब देंहटाएं"तेरी याद दा तिलिस्म
जवाब देंहटाएंअज्ज तक नहीं टुटिया "
क्या बात है । बहुत खूब । भावपूर्ण रचना ।
टूटना भी नहीं चाहिए. अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंकोमल भावों की अभिव्यक्ति सुंदर शब्दों में
जवाब देंहटाएंवाह !
ਸਾਗੇਬੋਬ ਜੀ ....
जवाब देंहटाएंਮੇਰੀ ਖੁਸ਼ਕਿਸਮਤੀ ਦੇਖੋ ....
ਮੇਰਾ ਜਨਮ ਵੀ ਓਸੇ ਦਿਨ ਹੋਆ ਜਿਸ ਦਿਨ ਅਮ੍ਰਿਤਾ ਦਾ ...
ਖੋਰੇ ਕੋਈ ਪਿਛਲੇ ਜਨਮ ਦਾ ਰਿਸ਼ਤਾ ਹੋਵੇ ....
ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੀ ਤਸਵੀਰ ਵੀ ਲਗਾਓ .....
kitna sunder likha hai!
जवाब देंहटाएंBeautiful Punjabi poetry !
जवाब देंहटाएंआपकी मनोकामना पूर्ण हो.
जवाब देंहटाएंसबसे पहले मेरे ब्लॉग तक आने के लिए आपका धन्यवाद -
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रचना पढ़ी आपकी -
मन पर एक अमिट छाप छोड़ गयी -
इतनी सुंदर कविता के लिए बधाई
क्या बात है । बहुत खूब । भावपूर्ण रचना ।
जवाब देंहटाएंwah ji wah , bot vadiya, punjabi ch padan da vakhra hi maza hai..
जवाब देंहटाएंGhost Matter :
How To Call A Real GHost???
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कुछ चीजें न ही टूटें और बदलें तो अच्छा है
जवाब देंहटाएंवाह .. कमाल का लिखा है .. सच है किसी की यादों से बाहर आना आसान नही होता ...
जवाब देंहटाएंमिलिया है सब कुझ लेकिन
जवाब देंहटाएंबस तेरे बिरहे ने लुट्टिया
तेरी याद दा तिलिस्म
अज्ज वी नहीं टुट्टिया
यही तो वो तिलिस्म है जो आसानी से नहीं टूटता और टूट गया तो याद कैसी......
बहुत ही अच्छी रचना
bahut achha likha hai
जवाब देंहटाएंachhi rachna
bahut hi badhiya rachna
जवाब देंहटाएंमिलिया है सब कुझ लेकिन
बस तेरे बिरहे ने लुट्टिया
तेरी याद दा तिलिस्म
अज्ज वी नहीं टुट्टिया
बहुत जादा तो समाज नहीं पाए पर ये पंक्तिया दिल को छु गयी
जवाब देंहटाएंतेरी याद दा तिलिस्म
अज्ज वी नहीं टुट्टिया
"तेरी याद दा तिलिस्म
जवाब देंहटाएंअज्ज तक नहीं टुटिया "
वाह जी बडी सोहणी कविता ये तुहानू लख लख वधाईयाँ।
बहुत प्यारी यादें और अभिव्यक्ति क्षमता ...शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंतेरी याद दा तिलिस्म
जवाब देंहटाएंअज्ज वी नहीं टुट्टिया
वाह क्या खूब लिखा है..सच है यादों का तिलस्म ही नहीं टूटता
yaaden to yahi kehti dikh rahi hain 'parde me rehne do,parda na uthao,parda jo uth gaya to bhed khul jaayega'
जवाब देंहटाएंto kya aap sab bhed kholana chhate hain uski marji ke baigar ?