26 जनवरी 2011

तिलिस्म




(पंजाबी कविता) 

कई मैं वैद  बुलवाए 

कई ओझे ने सद्वाए

बड़े ताबीज़ बनवाए

बथेरे कलमे पढवाए

दवा दारू बड़ी कीती

परहेजां नाल ज़िन्द सीती
 
कोई वी दर बकाया नहीं

जित्थे में सर झुकाया नहीं

उम्र मेरी लंघ गयी सारी
 
गयी न फिर वी बीमारी

मिलिया है सब कुझ लेकि

बस तेरे बिरहे ने लुट्टिया

तेरी याद दा तिलिस्म  

अज्ज वी नहीं टुट्टिया

**********

35 टिप्‍पणियां:

  1. याद का तिलिस्म टूटे तो ज़िंदगी किस सहारे चले.......

    खूबसूरत अभिव्यक्ति.

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  2. ये ऐसा तिलिस्म है जो कभी नहीं टूटता ..

    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें...

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  3. तेरी याद दा तिलिस्म
    अज्ज तक नहीं टुटिया..

    यह तिलिस्म टूट गया तो फिर जीने का क्या मतलब रह जाएगा..बहुत सुन्दर

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  4. यार मंगया सि रब्बा मैंने..केड़ी मैं ख़ुदाई मंग लई!!
    भाई साहब, ये ख़लिश कहाँ से होती जो जिगर के पार होता!!

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  5. प्रियवर
    नमस्कार !

    तेरी याद दा तिलिस्म
    अज्ज तक नहीं टुटिया

    बहुत अंदर तक पहुंचने वाली आपकी इस कविता के लिए आभार और बधाई !

    आपकी रचना साबित कर रही है कि भाव श्रेष्ठ हों तो भाषा संप्रेषण में आड़े नहीं आती ।
    पूरे मन से दाद मुबारकबाद और बधाई स्वीकार करें ।

    साथ ही, गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !

    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  6. ये ऐसा तिलिस्म है जो कभी नहीं टूटता|
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं|

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  7. यह याद का ही तिलिस्म हे जो कभी नही टूटता--
    "याद ऐसी आई आँखों से रोया न गया ,
    जख्म ऐसे छिले फुलो पे सोया न गया |"

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  8. वाह, यह तो बहुत सुन्दर कविता है...'पाखी की दुनिया' में भी आपका स्वागत है .

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  9. बहुत ही खुबसूरत .....ये तिलिस्म तो हमसे है हम तिलिस्म में नहीं है......ये हमारे टूटे ही टूटेगा......वैसे आपने इसका हिंदी अनुवाद भी देना चाहिए था......बहुत से लोग इतनी सरल पंजाबी भी नहीं समझ पते हैं |

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  10. तेरी याद दा तिलिस्म
    अज्ज तक नहीं टुटिया
    kamaal ka likha hai.wah.

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  11. ਬੱਲੇ ਬੱਲੇ .....

    ਅਸੀਂ ਮੁਹੱਬਤਾਂ ਉਡੀਕਦੇ ਰਹੇ ..
    ਹਥਾਂ ਵਿਚ ਫੜ ਕੋਰੇ ਵਰਕੇ ....
    ਕੋਈ ਕੋਲੋਂ ਦੀ ਵੀ ਨ ਲੰਗਿਆ
    ਅਖੀਆਂ ਝੂਠੀਆਂ ਫਰਕੇ .....

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  12. आपके भाव का क्या कहना ....बहुत अच्छा प्रयास है ...तिलस्म नहीं टूटता ....

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  13. ਵਾਹ !! ... ਬੋਤ ਵਾਦਿਯਾ ਲਿਖਯਾ ਤੁਸ੍ਸੀ ....

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  14. "तेरी याद दा तिलिस्म
    अज्ज तक नहीं टुटिया "

    क्या बात है । बहुत खूब । भावपूर्ण रचना ।

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  15. टूटना भी नहीं चाहिए. अच्छी रचना

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  16. कोमल भावों की अभिव्यक्ति सुंदर शब्दों में
    वाह !

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  17. ਸਾਗੇਬੋਬ ਜੀ ....
    ਮੇਰੀ ਖੁਸ਼ਕਿਸਮਤੀ ਦੇਖੋ ....
    ਮੇਰਾ ਜਨਮ ਵੀ ਓਸੇ ਦਿਨ ਹੋਆ ਜਿਸ ਦਿਨ ਅਮ੍ਰਿਤਾ ਦਾ ...
    ਖੋਰੇ ਕੋਈ ਪਿਛਲੇ ਜਨਮ ਦਾ ਰਿਸ਼ਤਾ ਹੋਵੇ ....
    ਤੁਸੀਂ ਆਪਣੀ ਤਸਵੀਰ ਵੀ ਲਗਾਓ .....

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  18. आपकी मनोकामना पूर्ण हो.

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  19. सबसे पहले मेरे ब्लॉग तक आने के लिए आपका धन्यवाद -
    बहुत खूबसूरत रचना पढ़ी आपकी -
    मन पर एक अमिट छाप छोड़ गयी -
    इतनी सुंदर कविता के लिए बधाई

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  20. क्या बात है । बहुत खूब । भावपूर्ण रचना ।

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  21. wah ji wah , bot vadiya, punjabi ch padan da vakhra hi maza hai..
    Ghost Matter :
    How To Call A Real GHost???
    Hindi Songs Music Blog :
    Download All Music (Songs) For Free

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  22. कुछ चीजें न ही टूटें और बदलें तो अच्छा है

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  23. वाह .. कमाल का लिखा है .. सच है किसी की यादों से बाहर आना आसान नही होता ...

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  24. मिलिया है सब कुझ लेकिन
    बस तेरे बिरहे ने लुट्टिया
    तेरी याद दा तिलिस्म
    अज्ज वी नहीं टुट्टिया

    यही तो वो तिलिस्म है जो आसानी से नहीं टूटता और टूट गया तो याद कैसी......
    बहुत ही अच्छी रचना

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  25. bahut hi badhiya rachna
    मिलिया है सब कुझ लेकिन

    बस तेरे बिरहे ने लुट्टिया

    तेरी याद दा तिलिस्म

    अज्ज वी नहीं टुट्टिया

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  26. बहुत जादा तो समाज नहीं पाए पर ये पंक्तिया दिल को छु गयी

    तेरी याद दा तिलिस्म

    अज्ज वी नहीं टुट्टिया

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  27. "तेरी याद दा तिलिस्म
    अज्ज तक नहीं टुटिया "
    वाह जी बडी सोहणी कविता ये तुहानू लख लख वधाईयाँ।

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  28. बहुत प्यारी यादें और अभिव्यक्ति क्षमता ...शुभकामनायें !

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  29. तेरी याद दा तिलिस्म

    अज्ज वी नहीं टुट्टिया

    वाह क्या खूब लिखा है..सच है यादों का तिलस्म ही नहीं टूटता

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  30. yaaden to yahi kehti dikh rahi hain 'parde me rehne do,parda na uthao,parda jo uth gaya to bhed khul jaayega'
    to kya aap sab bhed kholana chhate hain uski marji ke baigar ?

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मंजिल न दे ,चिराग न दे , हौसला तो दे.
तिनके का ही सही, मगर आसरा तो दे.
मैंने ये कब कहा कि मेरे हक में हो जबाब
लेकिन खामोश क्यों है कोई फैसला तो दे.