गयी रात तेरी गली का,
इक चक्कर लगा आये,
अँधेरे के सिवा,कुछ न मिला
हम अन्धेरा उठा लाये,
यादों की गठरिया में ,
उसको किया है कैद,
रहता है डर हमेशा,
कहीं गाँठ खुल न जाए.
इक चक्कर लगा आये,
अँधेरे के सिवा,कुछ न मिला
हम अन्धेरा उठा लाये,
यादों की गठरिया में ,
उसको किया है कैद,
रहता है डर हमेशा,
कहीं गाँठ खुल न जाए.
वाह!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया!
आपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा दिनांक 26-09-2011 को सोमवासरीय चर्चा मंच पर भी होगी। सूचनार्थ
जवाब देंहटाएंयादों की गठरिया में गांठ बहुत जबरदस्त लगी है. सुंदर प्रस्तुति. बधाई.
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रतीक ... संवेदनशील रचना ...
जवाब देंहटाएंगाँठ तो खुल कर रहेगी विशाल भाई.
जवाब देंहटाएंहाँ, बंद अँधेरा उजाले में तब्दील हो जाये
यही तो विशालता होगी.
ओह, वो चोर आप ही थे! मै भी चिंता में था की मेरी गली का अँधेरा कहा गायब हो गया नामुराद!!!!
जवाब देंहटाएंउत्तम प्रयास , प्रभावशाली सृजन को सम्मान ... धन्यवाद /
जवाब देंहटाएंयादों की गठरी की गाँठ नहीं खुलेगी,विशाल जी.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.
आपकी इस प्रस्तुति पर
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत बधाई ||
एक एक न एक दिन गांठ तो खुल ही जाती है
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा मुक्तक
Sundar
जवाब देंहटाएंMy Blogs:
Life is just a Life
My Clicks...
.
जबरदस्त
जवाब देंहटाएंसुभानाल्लाह.........हम अँधेरा उठा लाये......वाह साहब वाह |
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ..
जवाब देंहटाएंwaha bahut khub ye yaado ka rela
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा मुक्तक...बहुत-बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंवाह..बेहतरीन!
जवाब देंहटाएंक्या खूब... बहुत बढ़िया....
जवाब देंहटाएंसादर...
♥
जवाब देंहटाएंवाह ! अंधेरा उठा लाए …
बहुत ख़ूब !
आपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
लाजवाब ..शक्ति-स्वरूपा माँ आपमें स्वयं अवस्थित हों .शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएं"गयी रात तेरी गली का,
जवाब देंहटाएंइक चक्कर लगा आये,
अँधेरे के सिवा,कुछ न मिला
हम अन्धेरा उठा लाये,
यादों की गठरिया में ,
उसको किया है कैद,
रहता है डर हमेशा,
कहीं गाँठ खुल न जाए."
ला कर तेरे अँधेरे से हमने किये उजाले
यादों की गठरी खोल के बिखरा दिए है फूल....!!
वाह पूनम जी,
जवाब देंहटाएंआपने तो इस नज़्म का भाव ही बदल दिया.
बहुत खूब.
आभार आपका.
आपके मार्ग दर्शन से इसे दोबारा लिखने की कोशिश कर रहा हूँ.
अँधेरे के जिन्न को गठरी में क़ैद करने के लिए, किसने कहा था जनाब !
जवाब देंहटाएंबढिया प्रस्तुति !