10 जून 2011

एच टू ओ ................................."निर्दोष"

  मुझे   
नहीं 
जानना
 है पानी का 
रासायन  सूत्र,
मुझे   तो  अपनी
प्यास   बुझानी   है,
औरों       के    लिए 
होता         होगा 
एच टू ओ 


मेरे लिए तो
पानी सिर्फ पानी है. 


19 टिप्‍पणियां:

  1. प्यास बार-बार लगती रहे तो पानी सिर्फ पानी नहीं है जीवन दायी है..जिससे मिल हम भी पानी हो जाए.. शाश्वत कथन

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  2. पानी की महिमा निराली है न मिले तो आग वरना पानी ही पानी है ...

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  3. पानी रे पानी तेरी अजीब कहानी। शुभकामनायें।

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  4. मेरे लिए तो
    पानी सिर्फ पानी है.

    गहन जीवन दर्शन है आपकी इस रचना में....शुभकामनायें।

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  5. पानी ही अमृत है ..हाँ बूंद अच्छी बनायीं है ...

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  6. सत्य वचन ! गहरे भाव को दर्शाती कविता !!

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  7. मेरे लिए तो
    पानी सिर्फ पानी है.

    बहुत सार्थक और अच्छी सोच ....

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  8. Wow I liked the shape of drop from words and the words as well.
    Well written.

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  9. मेरे लिए तो
    पानी सिर्फ पानी है.

    बहुत सुन्दर रचना....शुभकामनायें.........

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  10. सुराही में तो एच टू ओ ही रहेगा... हां कभी कभी जाम भी रह सकता है :)

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  11. संरचना से उपयोगिता ज्यादा महत्वपूर्ण है. गहरे भाव लिए सुंदर कविता.

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  12. पानी तो पानी है और " बिन पानी सब सून " भी. ज़ाहिर है सूत्र ज्ञात होने पर भी पानी आवश्यकतानुसार प्रयोगशाला में नहीं बनाया जा सकता . ठीक इसी प्रकार नयनों की गंगा अर्थात आंसुओं का भी अपना महत्त्व है , उन्हें केवल एच टू ओ तथा एन ए सी एल का मिश्रण तो नहीं माना जा सकता. मतलब तो उपयोगिता और भावना से है.
    बढ़िया अभिव्यक्ति, विशाल जी.

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  13. पानी रे पानी तेरा रंग कैसा
    जिस में मिला दो लगे उस जैसा
    पानी की व्याख्या शब्दों में नहीं हो सकती

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  14. मेरे लिये तो पानी सिर्फ़ पानी है...बहुत गहन चिंतन को दर्शाती सुन्दर प्रस्तुति..

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  15. kavita toh achhi hai hi, uska boond ka aakar use aur b achha look de rahaa hai

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  16. वाह! आपके पानी का कोई सानी नहीं.पानी को समझ सके वही सच्चा ध्यानी है.

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मंजिल न दे ,चिराग न दे , हौसला तो दे.
तिनके का ही सही, मगर आसरा तो दे.
मैंने ये कब कहा कि मेरे हक में हो जबाब
लेकिन खामोश क्यों है कोई फैसला तो दे.