हमने खाया है हर कदम धोखा,
प्यार धोखा है और सनम धोखा,
उसके चेहरे का भोलापन धोखा,
उसकी ज़ुल्फ़ का पेचो ख़म धोखा,
उसके लबों का तबस्सुम धोखा,
उसके अश्कों का हरेक गम धोखा,
उसकी बातों का तलातुम धोखा,
उसकी खामोशियों का भ्रम धोखा,
उसने जो दिया है वो ज़ख्म धोखा,
और उस पर लगाया मरहम धोखा,
लगता है अब सारा आलम धोखा,
तू ही बता कैसे हो ख़त्म धोखा,
तेरी दुनिया का हर आदम धोखा,
तू भी खुद है,खुदा कसम, धोखा.
प्यार धोखा है और सनम धोखा,
उसके चेहरे का भोलापन धोखा,
उसकी ज़ुल्फ़ का पेचो ख़म धोखा,
उसके लबों का तबस्सुम धोखा,
उसके अश्कों का हरेक गम धोखा,
उसकी बातों का तलातुम धोखा,
उसकी खामोशियों का भ्रम धोखा,
उसने जो दिया है वो ज़ख्म धोखा,
और उस पर लगाया मरहम धोखा,
लगता है अब सारा आलम धोखा,
तू ही बता कैसे हो ख़त्म धोखा,
तेरी दुनिया का हर आदम धोखा,
तू भी खुद है,खुदा कसम, धोखा.
उसने जो दिया है वो ज़ख्म धोखा,
जवाब देंहटाएंऔर उस पर लगाया मरहम धोखा,
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तेरी दुनिया का हर आदम धोखा,
तू भी खुद है,खुदा कसम, धोखा.
वाह क्या धोखा है
शबनम भी धोखा
शबाब भी धोखा
nasha भी धोखा
sharab भी धोखा
jab sab धोखा है to fir use kyoun roka hai ?????
लगता है अब सारा आलम धोखा,
जवाब देंहटाएंतू ही बता कैसे हो ख़त्म धोखा,
तेरी दुनिया का हर आदम धोखा,
तू भी खुद है,खुदा कसम, धोखा.
बेहद शानदार लाजवाब गज़ल ।
ख़ूबसूरत रदीफ....काफिया... !
चलिए... अब तो धोखे से बचिए :)
जवाब देंहटाएंखूब....बहुत ही उम्दा ग़ज़ल है.....
जवाब देंहटाएंविशाल भाई धोखे की एफ.आई.आर. दफा ४२०
जवाब देंहटाएंआई.पी.सी. के अंतर्गत दर्ज कराईए.
धोखा न हुआ तो कार्यवाही अवश्य होगी.
अरे विशाल भाई!
जवाब देंहटाएंअगर इतना धोखा भरा है/था उसमें तो आप भी कमाल करते हैं.. सबको 'धो' और 'खा'!!
एक कहावत है ना, जो छोडकर जाता है उसे जाने दो, अगर वो तुम्हारा है तो लौट कर ज़रूर आएगा और अगर वो लौट के नहीं आया तो वो तुम्हारा कभी था ही नहीं!!
सबसे बड़ा धोखा तो खुद खाया....दिल ने पहचाना ही नहीं....यानि अपना ही पुर्जा ढीला निकला...धोखा दे गया
जवाब देंहटाएंधोखा ही दोखा है इस दुनिया में..........बहुत सुन्दर पोस्ट|
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना , सुन्दर भावाभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें .
सब तरफ धोखा ही धोखा है ..सही पहचाना ..सुन्दर प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंआगे के लिए संभल जाएँ तो अच्छा है ......
जवाब देंहटाएंwaah waah waah
जवाब देंहटाएंबहुत खूब... बहुत खूब....
जवाब देंहटाएंबधाई...
वाह ...बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंइस उम्र में धोखा ही धोखा होता है । पर कोई बात नहीं , यह दौर भी गुजर जायेगा ।
जवाब देंहटाएंshaandaar dhokha...
जवाब देंहटाएंतेरी दुनिया का हर आदम धोखा,
तू भी खुद है,खुदा कसम, धोखा.
बहुत ख़ूबसूरत गज़ल..
जवाब देंहटाएं"उसने जो दिया है वो ज़ख्म धोखा,
जवाब देंहटाएंऔर उस पर लगाया मरहम धोखा,"
सही कहा....
बेहतरीन शेर...
हसीन गज़ल.
जवाब देंहटाएंओह ! लगता है जो मै कमेंट्स लिख रहा हूँ वो भी धोखा है !! माफ़ करें भाई मेरे सत्य वचन !!
जवाब देंहटाएंvishal ji , sab maya hai 1
जवाब देंहटाएंउनकी हर शे दोखा ... वो खुद ही छलावा ... बहुत कमाल के धोखे खाए हैं उनकी अदा से ...
जवाब देंहटाएंमाने या न माने ...धोखा में ही तो सबकुछ है. अगर ये नहीं होता तो आप इतनी बड़ी दुनिया में क्या खोजते...
जवाब देंहटाएंlagti hai har baat kyu dhoka
जवाब देंहटाएंkyu nahi ho band ye dhoka
achhi rachna.
shubhkamnayen
धोखा खाकर निकले थे सनम
जवाब देंहटाएंधोखा खाने फिर आ गए ...
उनकी गली का ये फरमान --
हम फिर से धोखा खा गए
विशाल जी, काफी दिनों बाद आ रही हूँ आपके ब्लॉग पर, आपके ही ब्लॉग पर क्यों...अपने अलावा हर किसी ब्लॉगर दोस्त को बड़े ही दिनों बाद पढ़ा...लगा जैसे ज़िंदगी का एक बड़ा हिस्सा कहीं छूटा हुआ था, ज़रा सा मिल गया आज....अपने ब्लॉग पर भी बस आती हूँ, पोस्ट करती हूँ और चल देती हूँ.....कभी-कभी पता ही नहीं चलता कि जो बीत गया वो धोखा था या जो अभी चल रहा है वो धोखा है..धोखे की यह धुंध ज़िंदगी भर ज़िंदगी की सड़क पर अदृश्य होकर फैली रहती है....
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत गज़ल| बेहतरीन शेर|
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