कब्र
हर रोज़ साफ़ करता हूँ
कंटीली घास
उस बेनाम सी कब्र से
और चढ़ा आता हूँ
कुछ सुर्ख फूल
लेकिन हर रोज़
उग आती है कंटीली घास फिर से
मेरे फूलों की
चिन्दियाँ करके
कहीं ये कब्र
तेरी वफ़ा की तो नहीं
बेवफा
वफ़ा भी अजब शै है
जिस से चाहो उस से नहीं मिलती
यहाँ से चाहों वहां नहीं मिलती
यहाँ से मिलती है उधर तू देखता नहीं
बेवफा वफ़ा नहीं
दिले नादान
बेवफा तो तू है
शीत युद्ध
शीत युद्ध
खत्म कहाँ हुआ है
मुसलसल चला हुआ है
तेरी वफ़ा और मेरे दर्द के बीच
न तेरी वफ़ा सांस लेती है
न मेरा दर्द चैन लेता है
पिस्ता जाता है
मेरा दिले नाज़ुक
तीसरी दुनिया की तरह
बेवफा वफ़ा नहीं
जवाब देंहटाएंदिले नादान
बेवफा तो तू है
बहुत बढिया -
very well written .
sir ji
जवाब देंहटाएंtio chand bahut sunder he
badhai
बेवफा और बावफा पर बहुत खूबसूरत नज्में ...एक से बढ़ कर एक ..
जवाब देंहटाएंबेवफा और बावफा पर बहुत खूबसूरत नज्में ...एक से बढ़ कर एक ..
जवाब देंहटाएंबेवफ़ाई को बयान करने का इतना रूमानी अंदाज़ कि कहने को दिल चाहे...काश तुम बेवफ़ा होते!!
जवाब देंहटाएं"वफ़ा भी अजब शै है
जवाब देंहटाएंजिस से चाहो उस से नहीं मिलती
यहाँ से चाहों वहां नहीं मिलती
यहाँ से मिलती है उधर तू देखता नहीं
बेवफा वफ़ा नहीं
दिले नादान
बेवफा तो तू है !!"
किसी ने सच कहा है...
"जहाँ उम्मीद है इसकी वहां नहीं मिलता...."
तीनों नज्में बेहतरीन है....
शुक्रिया...
हर रोज़ साफ़ करता हूँ
जवाब देंहटाएंकंटीली घास
उस बेनाम सी कब्र से
और चढ़ा आता हूँ
कुछ सुर्ख फूल
लेकिन हर रोज़
उग आती है कंटीली घास फिर से
मेरे फूलों की
चिन्दियाँ करके
कहीं ये कब्र
तेरी वफ़ा की तो नहीं
teeno nazm khoobsurat .wafa w wewafa par galib ki line yaad aa gayi ---------
hamko unse wafa ki hai umeed
jo nahi jante wafa kya hai .....
....मार्मिक, हृदयस्पर्शी पंक्तियां हैं। अच्छी कविताओं के लिये बधाई स्वीकारें।
जवाब देंहटाएंवाह जी लाजवाब कर दिया आपने तो। बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंसुन्दर, नाजूक और गम्भीर !
जवाब देंहटाएंVery good poetry !
जवाब देंहटाएंaafareen!
जवाब देंहटाएंशीत युद्ध
जवाब देंहटाएंखत्म कहाँ हुआ है
मुसलसल चला हुआ है...वाह!..बहुत खूब
Acchha lekhan ...achhi soch aur acche harfon ke tewar...
जवाब देंहटाएंwafa ke phool bewagayi ke kanton se ghayal huye,
ham ne aapki nazmein padhi aur aapke ham kaayal huye.
हर रोज़ साफ़ करता हूँ
जवाब देंहटाएंकंटीली घास
उस बेनाम सी कब्र से
और चढ़ा आता हूँ
कुछ सुर्ख फूल
लेकिन हर रोज़
उग आती है कंटीली घास फिर से
मेरे फूलों की
चिन्दियाँ करके
कहीं ये कब्र
तेरी वफ़ा की तो नहीं
बेहतरीन। तीनों नज्म शानदार है।
बावफा और बेवफा की सुन्दर दास्तां। शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंहर रोज़ साफ़ करता हूँ
जवाब देंहटाएंकंटीली घास
उस बेनाम सी कब्र से
और चढ़ा आता हूँ
कुछ सुर्ख फूल
लेकिन हर रोज़
उग आती है कंटीली घास फिर से
मेरे फूलों की
चिन्दियाँ करके
कहीं ये कब्र
तेरी वफ़ा की तो नहीं
waah, bahut hi badhiyaa
तेरी वफ़ा और मेरे दर्द के बीच
जवाब देंहटाएंन तेरी वफ़ा सांस लेती है
न मेरा दर्द चैन लेता है
..........................
अभिव्यक्ति के इस नजरिये को बधाइयाँ ..
बहुत सुन्दर रचना
तेरी वफ़ा और मेरे दर्द के बीच
जवाब देंहटाएंन तेरी वफ़ा सांस लेती है
न मेरा दर्द चैन लेता है
पिस्ता जाता है
मेरा दिले नाज़ुक
तीसरी दुनिया की तरह
दिल के दर्द को गहराई से बयां करती बेहतरीन नज़्म...
जीवन दर्शन के पूर्ण हृदयस्पर्शी कविताओं के लिए बधाई ..।
जवाब देंहटाएंबेवफा वफ़ा नहीं
जवाब देंहटाएंदिले नादान
बेवफा तो तू है ...
बहुत खूब..बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति...
na teri vafa sans leti hai
जवाब देंहटाएंna mera dard chain leta hai'
teeno rachnayen bhavpoorn ..sundar.
कविता रूपी इन क्षणिकाओं में आपने सागर जैसे भाव भर दिये हैं। कैसे लिख लेती हैं आप इतनी मार्मिक रचनाएं।
जवाब देंहटाएं---------
शिकार: कहानी और संभावनाएं।
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तेरी वफ़ा और मेरे दर्द के बीच
जवाब देंहटाएंन तेरी वफ़ा सांस लेती है
न मेरा दर्द चैन लेता है
पिस्ता जाता है
मेरा दिले नाज़ुक
तीसरी दुनिया की तरह
वफाई-बेवफाई के इर्द गिर्द घूमती तीनों कवितायें बढ़िया हैं.
वफा की कब्र.
जवाब देंहटाएंवाह, बेहतरीन शब्द शिल्प,
खूबसूरत नज़्में।
बधाई स्वीकार करें।
वफ़ा भी अजब शै है
जवाब देंहटाएंजिस से चाहो उस से नहीं मिलती
यहाँ से चाहों वहां नहीं मिलती
यहाँ से मिलती है उधर तू देखता नहीं
बेवफा वफ़ा नहीं
दिले नादान
बेवफा तो तू है
bahut khub
.
मार्मिक, हृदयस्पर्शी अच्छी कविताओं के लिये बधाई स्वीकारें।
जवाब देंहटाएं"bevafa vafa nahi,dile naadaan bevafa to tu
जवाब देंहटाएंhai" .Khud ke dil me jhankana hi to kitna kathin hai. Ati sunder abhivyakti.
शब्द सौन्दर्य रचना पर भारी है .....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर .....!!
वफ़ा और बेवफ़ा आखिर एक ही पौधे के फूल और कांटे है :)
जवाब देंहटाएंवाह जी लाजवाब कर दिया आपने तो। बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंखूबसूरत खूबसूरत खूबसूरत खूबसूरत
जवाब देंहटाएंबधाई स्वीकार करें।
sundar rachna
जवाब देंहटाएंब्लॉग लेखन को एक बर्ष पूर्ण, धन्यवाद देता हूँ समस्त ब्लोगर्स साथियों को ......>>> संजय कुमार
.
जवाब देंहटाएंशीत युद्ध
खत्म कहाँ हुआ है
मुसलसल चला हुआ है
तेरी वफ़ा और मेरे दर्द के बीच
न तेरी वफ़ा सांस लेती है
न मेरा दर्द चैन लेता है
पिस्ता जाता है
मेरा दिले नाज़ुक
तीसरी दुनिया की तरह
......
यथार्थ का बेहतरीन चित्रण । कभी-कभी आगे बढ़कर स्वयं ही शीत युद्ध कों ख़तम करने का प्रयास करना चाहिए ।
.
" हम वफ़ा करते रहें , तुम जफा करते रहो
जवाब देंहटाएंदिल ही दिल में फिर हिसाबे दोस्तान हो जाएगा "
और
" हम को उनसे वफ़ा की है उम्मीद
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है "
काश मैं भी आपकी तरह लिख पाता !
sheet youdh mujhe sabse achhi lagi...
जवाब देंहटाएंbahut badhiyaa
बहुत सुन्दर भाव और रचनाएँ बधाई |आपका मेरे ब्लॉग पर स्वागत है |
जवाब देंहटाएंआशा
बहुत सुन्दर क्षणिकाएं ... खासकर पहली वाली बहुत अच्छी लगी ...
जवाब देंहटाएंतीनो क्षणिकाएं बहुत अच्छी हैं पर पहली वाली जबर्दस्त्त है.
जवाब देंहटाएंहर रोज़ साफ़ करता हूँ
जवाब देंहटाएंकंटीली घास
उस बेनाम सी कब्र से
और चढ़ा आता हूँ
कुछ सुर्ख फूल
लेकिन हर रोज़
उग आती है कंटीली घास फिर से
मेरे फूलों की
चिन्दियाँ करके
कहीं ये कब्र
तेरी वफ़ा की तो नहीं
......
तीनों गजलें बेहद खूबसूरत. आभार
बेहतरीन है तीनों नज्में ..बेहद खूबसूरत..धन्यवाद
जवाब देंहटाएंशीत युद्ध रचना बहुत अच्छी लगी. आभार.
जवाब देंहटाएंआज तो लगता है हम दोनों का दर्द एक सा है ! हार्दिक शुभकामनायें आपको !!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया अभिव्यक्ति ..... तीनों रचनाएँ बेहतरीन .... 'कब्र' खास अच्छी लगी....
जवाब देंहटाएंवफ़ा भी अजब शै है
जवाब देंहटाएंजिस से चाहो उस से नहीं मिलती
यहाँ से चाहों वहां नहीं मिलती
यहाँ से मिलती है उधर तू देखता नहीं
बेवफा वफ़ा नहीं
दिले नादान
बेवफा तो तू है
तीनों कवितायें मन को छू गयीं !
न तेरी वफ़ा साँस लेती है
जवाब देंहटाएंन मेरा दर्द चैन लेता है
बहुत ख़ूबसूरत , तीनों ही रचनाएँ लाजवाब हैं
आपके ब्लॉग पर पहली बार आया हूँ,मुझे आपका शीर्षक बहुत ही अच्छा लगा
न तेरी वफ़ा सांस लेती है
जवाब देंहटाएंन मेरा दर्द चैन लेता है...
wah! bahot khoob!!! :-)