मैं गुम था हमेशा से,गुम ही रहा सदा.गुम की बड़ी लंबी दुम है,विशाल भाई.आपकी गुमसुम सी प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी.
राकेश भाई ,बहुत काम आती हैआपकीहौसला अफजाई
शानदार प्रस्तुति ||बहुत बहुत बधाई ||
चार पंक्तियों में सुन्दर संवेदनशील अभिव्यक्ति...
बहुत खूब.....
गुम और गम ....पर लिखी आपकी यह रचना गहरे अर्थ संप्रेषित करती है
Bhaut khub...
केवल भाई, इस रचना में केवल गुम है गम नहीं.गम की दुकां तो बंद कर चुके हैं,विशाल भाई.आखिर 'ढूंढ'ही लिया है आपको मैंनेअब विशाल भाई आपकी गुमनामी से.बहुत बहुत धन्यवाद मेरी हौसला अफजाई के लिए विशाल भाई.
गहरी बात
सुभानाल्लाह..........एक शेर में इतनी गहराई........दिल जीत लिया..वाह|
विशाल जी आपकी लिखी ये चार पंक्तियाँ पसंद आई!
और निकलती है ये सदा गुम ही रहूँ उसीमें.... सदा
.........................हमने बारहा ढूँढा, तुमने बारहा पाया।विशाल भाई, देर से आया हूँ लेकिन मैं देर करता नहीं देर हो जाती है। समझोगे, हमपेशा हो न:)
खुद के लिए गुम होते हुवे भी किसी को पा जाना ... लाजवाब ..
.लगता है पुलिस में रपट लिखवाना पड़ेगा!!!!
मुझे लगता है आप गुम नहीं हुए हैं ,किसी की याद में खो गये हैं ।
बहुत बड़ी विडम्बना ... बहुत सुंदर
मंजिल न दे ,चिराग न दे , हौसला तो दे. तिनके का ही सही, मगर आसरा तो दे.मैंने ये कब कहा कि मेरे हक में हो जबाबलेकिन खामोश क्यों है कोई फैसला तो दे.
मैं गुम था हमेशा से,
जवाब देंहटाएंगुम ही रहा सदा.
गुम की बड़ी लंबी दुम है,विशाल भाई.
आपकी गुमसुम सी प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी.
राकेश भाई ,
जवाब देंहटाएंबहुत काम आती है
आपकी
हौसला अफजाई
शानदार प्रस्तुति ||
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई ||
चार पंक्तियों में सुन्दर संवेदनशील अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब.....
जवाब देंहटाएंगुम और गम ....पर लिखी आपकी यह रचना गहरे अर्थ संप्रेषित करती है
जवाब देंहटाएंBhaut khub...
जवाब देंहटाएंकेवल भाई, इस रचना में केवल गुम है गम नहीं.
जवाब देंहटाएंगम की दुकां तो बंद कर चुके हैं,विशाल भाई.
आखिर 'ढूंढ'ही लिया है आपको मैंने
अब विशाल भाई आपकी गुमनामी से.
बहुत बहुत धन्यवाद मेरी हौसला अफजाई
के लिए विशाल भाई.
गहरी बात
जवाब देंहटाएंसुभानाल्लाह..........एक शेर में इतनी गहराई........दिल जीत लिया..वाह|
जवाब देंहटाएंविशाल जी आपकी लिखी ये चार पंक्तियाँ पसंद आई!
जवाब देंहटाएंऔर निकलती है ये सदा
जवाब देंहटाएंगुम ही रहूँ उसीमें.... सदा
.........................
जवाब देंहटाएंहमने बारहा ढूँढा, तुमने बारहा पाया।
विशाल भाई, देर से आया हूँ लेकिन मैं देर करता नहीं देर हो जाती है। समझोगे, हमपेशा हो न:)
खुद के लिए गुम होते हुवे भी किसी को पा जाना ... लाजवाब ..
जवाब देंहटाएं.लगता है पुलिस में रपट लिखवाना पड़ेगा!!!!
जवाब देंहटाएंमुझे लगता है आप गुम नहीं हुए हैं ,किसी की याद में खो गये हैं ।
जवाब देंहटाएंबहुत बड़ी विडम्बना ... बहुत सुंदर
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